
आज का ‘दिन बडा खास’
लफ़्ज़ आपके जो कह ना सके
आपकी नज़रों ने वह कह दिया
इकरार हम करने ही वाले थे के
कम्बख्त़ रोझ कोई और दे गया !!!
हाल- ए- दिल का क्या बयां करे हम
उनके लिए घंटो कतार में खड़े थे
फुरसत में हमे जब देखा उन्होने तो हम
उनकी दोस्त को वैलंनटाईन बना चुके थे!!!
आज का दिन बडा़ खास होता है
सारे मजनूओं का दिदार होता है
गर इकरार ए मोहब्बत ना मिलें तो
गली गली एक देवदास ज़रूर होता है!!!
अर्चना सरोदे
सिलवास,दादरा नगर हवेली आणि दमण व दिव
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